Showing posts with label #Accupressure system's some tritment tipes #how control body action #body functions pain control by accupressure. Show all posts
Showing posts with label #Accupressure system's some tritment tipes #how control body action #body functions pain control by accupressure. Show all posts

Wednesday, October 19, 2022

Accupressure system's some tritment tipes एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार

एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार




14. घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग ना करें। उसकी जगह मिट्टी के बर्तन


या तांबे, पित्तल, लोहे और स्टील का उपयोग कर सकते है। 15. भोजन के बाद बिना सुपारी, तंबाकु और कत्था का पान जरुर खाये। ये कफ,

https://ravi13444.blogspot.com/2022/09/grow-mother.html

बात औरपित्त को बराबर रखता है।


16. 40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को गेहूँ के दाने जितना चूना, पानी या छाछ या दही के साथ जरूर लेना चाहिए। चूना वात के रोगो का नाश करता हैं। इससे कमर, घुटने व जोड़ो के दर्द नहीं होते (पवरी वाले चूना ना खाये।)








: एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार


1. अंगूठा दबाने से सिर दर्द दूर हो जाता हैं और दिमाग की सारी दुर्बलताएं दूर होती है।



2. चारो उंगली के ऊपर का हिस्सा दबाने से साइनस ठीक होता हैं जैसे नाक बहना, सर्दी लगना, खाँसी जुकाम, माइग्रेन आदि 3. पहली उंगली (तर्जनी) के ठीक नीचे वाले पाइंट को दबाने से आँखों के रोग दूर होते हैं, ज्योति बढ़ती हैं, बंहगापन दूर होता हैं।

https://ravi13444.blogspot.com/2022/09/high-blood-pressure-control-by-domestic.html

4. दूसरी उंगली के ठीक नीचे वाले पाइंट को दबाने से फेफड़े स्वस्थ होते हैं।


5. छोटी उंगली के नीचे वाले पाइंट को दबाने से कान के सभी रोग दूर होते हैं, जैसे कान से मवान आना, कम सुनाई देना, पर्द फट जाना, इससे थोड़ा और नीचे दबाने से ह्रदय रोग दूर होते हैं।


6. उससे और नीचे दबाने पर मधुमेह रोग दूर होता हैं।

https://ekaro.in/enkr20221019s17000046

7. हथेली के उभरे हुए भाग को दबाने से अंगूठे के पास) थायराइड़ ठीक होता हैं।


8. दूसरी उंगली को मोड़कर जिस पाइंट पर लगेगी उस पाइंट को दबाने पर किड़नी स्वस्थ होती हैं एवं किड़नी के रोग दूर होते हैं।


9. हथेली की शुरूआत में, हाथ की कलाई के मध्य भाग को दबाने से मूत्र संबन्धित रोग दूर होते हैं।


10. अंगूठे के दायी और बायी तरफ से दबाने पर, गर्दन में दर्द या कमर में दर्द रोग दूर होता ह


Ravi: 11. छोटी उंगली के नीचे, हथेली के नीचे साईड की और पाइंट दबाने पर कन्धे के दर्द के रोग दूर होते हैं।


12. हथेली के बीचों बीच दबाने पर पेट स्वस्थ रहता हैं।


13. बड़ी उंगली के ऊपरी हिस्से को दबाने पर निम्न रक्तचाप संतुलित होता हैं।

https://ekaro.in/enkr20221019s17000046

14. अनामिका उंगली के ऊपरी भाग को दबाने पर हाई रक्तचाप संतुलित होता हैं।


15. घुटना के दर्द दूर करने के लिए, अनामिका उंगली को पीछे के तरफ


से पूरी उंगली को दबाये।


16. छोटी उंगली के ऊपरी भाग को दबाने से छोटे बच्चों का बिस्तर पर

https://ravi13444.blogspot.com/2022/09/grow-mother.html

पेशाब करना छूट जाता हैं।


कुछ महत्वपूर्ण एक्यूप्रेशर बिन्दू


1. जॉइनिंग द वैली - यह प्वाइंट हमारे अंगूठे और इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) के बीच में होता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से शरीर के कई प्रकार के दर्द जैसे कि सिर दर्द, दांत का दर्द, गर्दन का दर्द, कंधे का दर्द, अर्थराइटिस और कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।


2. पैरीकार्डियम- ये प्वाइंट हमारे हथेली से लगभग दो अंगुल नीचे की तरफ हमारी कलाई में मौजूद होता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से सिर दर्द, वॉमिंटिंग, सीने में दर्द, हाथों में दर्द और बैचेनी दूर हो जाती हैं।




3. थर्ड आई - नाम के अनुसार ही ये प्वाइंट हमारे माथे पर दोनों आईब्रो के बीच मौजूद होता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से हमारी थकान और स्ट्रेस दूर होता हैं। इसके अलावा सिर दर्द, आंख का दर्द दूर होने के साथ-साथ मानसिक शांति भी मिलती हैं।

4. सी ऑफ ट्रेंक्वालिटी - ये प्वाइंट चेस्ट की बीचो बीच मौजूद होता हैं। इस


प्वाइंट पर दबाने से डिप्रेशन, नर्वसनेस और एंग्जाइटी दूर होती हैं। 5. लेग थ्री माइल्स - ये प्वाइंट हमारे घुटनों से लगभग चार अंगुल नीचे की तरफ मौजूद होता हैं। यहाँ दबाने से पेट दर्द, उल्टी, पेट फूलना, कब्ज और इनडाइजेशन जैसी समस्या दूर हो जाती हैं।


6. कमांडिंग मिडिल - ये प्वाइंट हमारे घुटनों के ठीक पीछे मौजूद होता हैं जहां


दबाने से अर्थराइटिस का दर्द, कमर और कुल्हे का दर्द दूर हो जाता हैं। 7. शेन मैन - ये प्वाइंट कान के ऊपरी हिस्से में पाया जाता हैं। यहाँ दबाने से


स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्या दूर हो जाती हैं। 8. हेवनली पिलर - ये प्वाइंट हमारी गर्दन और खोपड़ी के जोड़ पर पीछे की तरफ होता हैं जहाँ दबाने से सिर दर्द, गर्दन का दर्द, स्ट्रेस और थकान से राहत


मिलती हैं।


9. सैकरल प्वाइंट्स- यह प्वाइंट रीढ़ की हड्डी के नीचे टेल बोन पर पाया जाता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से लोवर बैक पेन और पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत मिलती हैं।


10. बिगर रशिंग - यह प्वाइंट हमारे पैरों पर अंगूठे और बड़ी उंगली के बीच पाया जाता हैं। इस प्वाइंट को दबाने से सिर दर्द और आंखों की थकान से राहत मिलती हैं।

[10/19, 9:30 PM] Ravi: आयुर्वेदिक दिनचर्या


1. सुबह उठते ही बासी मुँह से जितना ज्यादा पी सको गुनगुना पानी पीए


2. जब भी पानी पीये नीचे बैठ कर एक-एक घूँट मुँह में गोल गोल घुमा के पीए । 3. भोजन बनाते समय सूर्य प्रकाश और पवन का स्पर्श भोजन को जरूर मिलना चाहिए।


4. भोजन पकने के बाद जितना जल्दी हो सके उसका उपभोग हो जाना चाहिए। 5. सुबह का भोजन सूर्योदय से डाई घंटे के अंदर करें, जो सबसे ज्यादा पंसद है वो खाये। दोपहर का भोजन सुबह से थोड़ा कम करें। शाम का भोजन सूर्यास्त होने से पहले बिल्कुल कम करें (ना ही करे तो अच्छा)


6. खाने के 45 मिनट पहले और खाने के डेढ़ घंटे बाद तक पानी ना पीए। 7. खाने के बाद सुबह किसी भी फल का रस, दोपहर को छाछ और रात को देशी गाय का दूध पीए।


8. हमेशा सेंधा नमक का रसोई में उपयोग करे। इससे शरीर को बहुत से पोषक तत्व


मिलते हैं।


9. भोजन में मैदे का उपयोग ना करें। गेहूँ का आटा 10 दिन और मकाई, बाजरा और जुआर का आटा सात दिन से पुराना ना खाये। 10. सुबह और दोपहर का भोजन करके 10 मिनट वज्रासन में बैठे और 20-25


मिनट वामकुक्षी (बायीं ओर) अवस्था में सोये। इससे भोजन पचता है और काम



करने की क्षमता


बढ़ती हैं।


11. ठंडे पेय, शराब और चाय ना पीए, उसकी जगह पीने पिलाने की बहुत सी चीजे हैं। जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, संतरे का जूस आदि।


12. सोते समय पारिवारिक व्यक्ति को दक्षिण दिशा में सन्यासी, ब्रह्मचारी और


विद्यार्थी को पूर्व दिशा में सर रखकर सोना चाहिए 13. भोजन खूब चबा चबा कर करे। आयुर्वेद में निवाले को 32 बार चबाने का विधान हैं।


14. घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग ना करें। उसकी जगह मिट्टी के बर्तन


या तांबे, पित्तल, लोहे और स्टील का उपयोग कर सकते है। 15. भोजन के बाद बिना सुपारी, तंबाकु और कत्था का पान जरुर खाये। ये कफ,

https://ravi13444.blogspot.com/2022/09/grow-mother.html

बात औरपित्त को बराबर रखता है।


16. 40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को गेहूँ के दाने जितना चूना, पानी या छाछ या दही के साथ जरूर लेना चाहिए। चूना वात के रोगो का नाश करता हैं। इससे कमर, घुटने व जोड़ो के दर्द नहीं होते (पवरी वाले चूना ना खाये।)

Accupressure system's some tritment tipes एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार

एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार :  14. घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग ना करें। उसकी जगह मिट्टी के बर्तन या तांबे, पित्तल, लोह...