Wednesday, October 19, 2022

Accupressure system's some tritment tipes एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार

एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार




14. घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग ना करें। उसकी जगह मिट्टी के बर्तन


या तांबे, पित्तल, लोहे और स्टील का उपयोग कर सकते है। 15. भोजन के बाद बिना सुपारी, तंबाकु और कत्था का पान जरुर खाये। ये कफ,

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बात औरपित्त को बराबर रखता है।


16. 40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को गेहूँ के दाने जितना चूना, पानी या छाछ या दही के साथ जरूर लेना चाहिए। चूना वात के रोगो का नाश करता हैं। इससे कमर, घुटने व जोड़ो के दर्द नहीं होते (पवरी वाले चूना ना खाये।)








: एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार


1. अंगूठा दबाने से सिर दर्द दूर हो जाता हैं और दिमाग की सारी दुर्बलताएं दूर होती है।



2. चारो उंगली के ऊपर का हिस्सा दबाने से साइनस ठीक होता हैं जैसे नाक बहना, सर्दी लगना, खाँसी जुकाम, माइग्रेन आदि 3. पहली उंगली (तर्जनी) के ठीक नीचे वाले पाइंट को दबाने से आँखों के रोग दूर होते हैं, ज्योति बढ़ती हैं, बंहगापन दूर होता हैं।

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4. दूसरी उंगली के ठीक नीचे वाले पाइंट को दबाने से फेफड़े स्वस्थ होते हैं।


5. छोटी उंगली के नीचे वाले पाइंट को दबाने से कान के सभी रोग दूर होते हैं, जैसे कान से मवान आना, कम सुनाई देना, पर्द फट जाना, इससे थोड़ा और नीचे दबाने से ह्रदय रोग दूर होते हैं।


6. उससे और नीचे दबाने पर मधुमेह रोग दूर होता हैं।

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7. हथेली के उभरे हुए भाग को दबाने से अंगूठे के पास) थायराइड़ ठीक होता हैं।


8. दूसरी उंगली को मोड़कर जिस पाइंट पर लगेगी उस पाइंट को दबाने पर किड़नी स्वस्थ होती हैं एवं किड़नी के रोग दूर होते हैं।


9. हथेली की शुरूआत में, हाथ की कलाई के मध्य भाग को दबाने से मूत्र संबन्धित रोग दूर होते हैं।


10. अंगूठे के दायी और बायी तरफ से दबाने पर, गर्दन में दर्द या कमर में दर्द रोग दूर होता ह


Ravi: 11. छोटी उंगली के नीचे, हथेली के नीचे साईड की और पाइंट दबाने पर कन्धे के दर्द के रोग दूर होते हैं।


12. हथेली के बीचों बीच दबाने पर पेट स्वस्थ रहता हैं।


13. बड़ी उंगली के ऊपरी हिस्से को दबाने पर निम्न रक्तचाप संतुलित होता हैं।

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14. अनामिका उंगली के ऊपरी भाग को दबाने पर हाई रक्तचाप संतुलित होता हैं।


15. घुटना के दर्द दूर करने के लिए, अनामिका उंगली को पीछे के तरफ


से पूरी उंगली को दबाये।


16. छोटी उंगली के ऊपरी भाग को दबाने से छोटे बच्चों का बिस्तर पर

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पेशाब करना छूट जाता हैं।


कुछ महत्वपूर्ण एक्यूप्रेशर बिन्दू


1. जॉइनिंग द वैली - यह प्वाइंट हमारे अंगूठे और इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) के बीच में होता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से शरीर के कई प्रकार के दर्द जैसे कि सिर दर्द, दांत का दर्द, गर्दन का दर्द, कंधे का दर्द, अर्थराइटिस और कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।


2. पैरीकार्डियम- ये प्वाइंट हमारे हथेली से लगभग दो अंगुल नीचे की तरफ हमारी कलाई में मौजूद होता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से सिर दर्द, वॉमिंटिंग, सीने में दर्द, हाथों में दर्द और बैचेनी दूर हो जाती हैं।




3. थर्ड आई - नाम के अनुसार ही ये प्वाइंट हमारे माथे पर दोनों आईब्रो के बीच मौजूद होता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से हमारी थकान और स्ट्रेस दूर होता हैं। इसके अलावा सिर दर्द, आंख का दर्द दूर होने के साथ-साथ मानसिक शांति भी मिलती हैं।

4. सी ऑफ ट्रेंक्वालिटी - ये प्वाइंट चेस्ट की बीचो बीच मौजूद होता हैं। इस


प्वाइंट पर दबाने से डिप्रेशन, नर्वसनेस और एंग्जाइटी दूर होती हैं। 5. लेग थ्री माइल्स - ये प्वाइंट हमारे घुटनों से लगभग चार अंगुल नीचे की तरफ मौजूद होता हैं। यहाँ दबाने से पेट दर्द, उल्टी, पेट फूलना, कब्ज और इनडाइजेशन जैसी समस्या दूर हो जाती हैं।


6. कमांडिंग मिडिल - ये प्वाइंट हमारे घुटनों के ठीक पीछे मौजूद होता हैं जहां


दबाने से अर्थराइटिस का दर्द, कमर और कुल्हे का दर्द दूर हो जाता हैं। 7. शेन मैन - ये प्वाइंट कान के ऊपरी हिस्से में पाया जाता हैं। यहाँ दबाने से


स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्या दूर हो जाती हैं। 8. हेवनली पिलर - ये प्वाइंट हमारी गर्दन और खोपड़ी के जोड़ पर पीछे की तरफ होता हैं जहाँ दबाने से सिर दर्द, गर्दन का दर्द, स्ट्रेस और थकान से राहत


मिलती हैं।


9. सैकरल प्वाइंट्स- यह प्वाइंट रीढ़ की हड्डी के नीचे टेल बोन पर पाया जाता हैं। इस प्वाइंट पर दबाने से लोवर बैक पेन और पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत मिलती हैं।


10. बिगर रशिंग - यह प्वाइंट हमारे पैरों पर अंगूठे और बड़ी उंगली के बीच पाया जाता हैं। इस प्वाइंट को दबाने से सिर दर्द और आंखों की थकान से राहत मिलती हैं।

[10/19, 9:30 PM] Ravi: आयुर्वेदिक दिनचर्या


1. सुबह उठते ही बासी मुँह से जितना ज्यादा पी सको गुनगुना पानी पीए


2. जब भी पानी पीये नीचे बैठ कर एक-एक घूँट मुँह में गोल गोल घुमा के पीए । 3. भोजन बनाते समय सूर्य प्रकाश और पवन का स्पर्श भोजन को जरूर मिलना चाहिए।


4. भोजन पकने के बाद जितना जल्दी हो सके उसका उपभोग हो जाना चाहिए। 5. सुबह का भोजन सूर्योदय से डाई घंटे के अंदर करें, जो सबसे ज्यादा पंसद है वो खाये। दोपहर का भोजन सुबह से थोड़ा कम करें। शाम का भोजन सूर्यास्त होने से पहले बिल्कुल कम करें (ना ही करे तो अच्छा)


6. खाने के 45 मिनट पहले और खाने के डेढ़ घंटे बाद तक पानी ना पीए। 7. खाने के बाद सुबह किसी भी फल का रस, दोपहर को छाछ और रात को देशी गाय का दूध पीए।


8. हमेशा सेंधा नमक का रसोई में उपयोग करे। इससे शरीर को बहुत से पोषक तत्व


मिलते हैं।


9. भोजन में मैदे का उपयोग ना करें। गेहूँ का आटा 10 दिन और मकाई, बाजरा और जुआर का आटा सात दिन से पुराना ना खाये। 10. सुबह और दोपहर का भोजन करके 10 मिनट वज्रासन में बैठे और 20-25


मिनट वामकुक्षी (बायीं ओर) अवस्था में सोये। इससे भोजन पचता है और काम



करने की क्षमता


बढ़ती हैं।


11. ठंडे पेय, शराब और चाय ना पीए, उसकी जगह पीने पिलाने की बहुत सी चीजे हैं। जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, संतरे का जूस आदि।


12. सोते समय पारिवारिक व्यक्ति को दक्षिण दिशा में सन्यासी, ब्रह्मचारी और


विद्यार्थी को पूर्व दिशा में सर रखकर सोना चाहिए 13. भोजन खूब चबा चबा कर करे। आयुर्वेद में निवाले को 32 बार चबाने का विधान हैं।


14. घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग ना करें। उसकी जगह मिट्टी के बर्तन


या तांबे, पित्तल, लोहे और स्टील का उपयोग कर सकते है। 15. भोजन के बाद बिना सुपारी, तंबाकु और कत्था का पान जरुर खाये। ये कफ,

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बात औरपित्त को बराबर रखता है।


16. 40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को गेहूँ के दाने जितना चूना, पानी या छाछ या दही के साथ जरूर लेना चाहिए। चूना वात के रोगो का नाश करता हैं। इससे कमर, घुटने व जोड़ो के दर्द नहीं होते (पवरी वाले चूना ना खाये।)

Thursday, September 15, 2022

High blood pressure control by domestic tipes

1- चोकर युक्त आटा गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में बहुत मददगार होता है। 2- ब्राउन राइस ब्राउन चावल का इस्तेमाल करें। इसमें नमक, कोलेस्टरोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह हाई ब्लड प्रेशर रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।
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 3- लहसुन लहसुन में एलिसीन होता है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। ब्लड प्रेशर के डायलोस्टिक और सिस्टोलिक सिस्टम में भी राहत देता है। यही कारण है कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोजाना खाली पेट एक लहसुन की कली निगलनी चाहिए। 4- आंवला वैसे तो आंवला काफी बीमारियों में मदद करता है पर आज से आप जानलें की आंवला ब्लड प्रेशर के लिए भी बहुत राहत पहुंचाने वाला है। आंवला में विटामिन सी होता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखता है। 5- मूली वैसे तो मूली एक साधारण सब्जी है। पर इसे खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसे पकाकर या कच्चा खाने से बॉडी को मिनरल्स व सही मात्रा में पोटैशियम मिलता है। यह हाइ-सोडियम डाइट के कारण बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर पर भी असर डालता है। 6- तिल और चावल की भूसी तिल का तेल और चावल की भूसी को एक साथ खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। यह हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए भी लाभदायक होता है। माना जाता है कि यह ब्लड प्रेशर कम करने वाली अन्य औषधियों से ज्यादा बेहतर होता है। 7- अलसी अलसी में एल्फा लिनोनेलिक एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है। यह एक प्रकार का महत्वपूर्ण ओमेगा – 3 फैटी एसिड है। कई स्टडीज में भी पता चला है कि जिन लोगों को हाइपरटेंशन की शिकायत होती है, उन्हें अपने भोजन में अलसी का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और इसे खाने से ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है 8- इलायची जानकारों के मुताबिक इलायची के नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर प्रभावी ढंग से कम होता है। इसे खाने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। साथ ही, ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है। 9- प्याज नियमित प्याज खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इसमें क्योरसेटिन होता है। यह एक ऐसा ऑक्सीडेंट फ्लेवेनॉल है जो दिल को बीमारियों से बचाता है। 10- दालचीनी दालचीनी के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है यह ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू रखता है। 11- नमक कम खाएं नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि जिनकी बीपी हाई हो उन्हें नामक खाने से बचना चाहिए। 12- रक्त गाढ़ा ना होने दें लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है। उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण होता है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। 13- आंवले का रस एक बड़ा चम्मच आंवले का रस उसी मात्रा में हनी मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में राहत मिलती है। 
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 14- काली मिर्च जब ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो आधा ग्लास हल्का गर्म पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर घोलकर 2-2 घंटे के डिस्टेंस पर पीते रहें। यह ब्लड प्रेशर सही करने का बढिया उपचार है। 15- नींबू हाई हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू का रस 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। इससे तुरन्त फायदा होगा।

मा का दूध कैसे बढ़ाएं Grow mother 🥛 टिप्स

माँ का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय 1.सुवा के पत्ते 👇 इंग्लिश में डिल लीव्स हिंदी में सुवा मराठी में शेपू स्तन का दूध बढ़ाने के लिए बहुत अच्छे साबित होते हैं. इसके साथ ही यह स्वाद में भी बहुत अच्छे होते हैं. यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करते हैं. 2. मेथी दाना 👇 मेथी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने का एक अच्छा सोर्स है. आप इसे अंकुरित करके दूध के साथ खाएंगी तो काफी फायदा होगा. इतना ही नहीं डिलिवरी के बाद होने वाली कब्ज की समस्या भी इससे काफी कम हो जाती है. अगर आप अंकुरित करके ना खाएं तो इसे सब्ज़ी में ज़ीरे के साथ डालकर इस्तेमाल करें. पालक👇 आयरन का एक अच्छा सोर्स है पालक. आयरन आपमें ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है और साथ ही डीलिवरी के बाद आई खून की कमी जैसी समस्याओं को भी दूर करता है. किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि खाने से पहले पालक को अच्छी तरह उबाल लें. खासतौर पर मानसून या बरसात के मौसम में. 4.सौंफ 👇 सौंफ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. इसमें मौजूद ओस्ट्रेजेनिक इसके अलावा सौंफ में ओटेशियम, फॉलेट, विटामिन सी, विटामिन बी-6 और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं. ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए सबसे पहले सौंफ खाने की सलाह दी जाती है. इसे आप सब्ज़ी में मिलाकर भी खा सकती हैं और ऐसे ही कभी भी मुंह में डाल सकती हैं. आप इसे चाय या दूध में मिलाकर भी सुबह शाम खा सकती हैं.
5.लौकी 👇 यह सब्जी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हाइड्रेटेड रखने का काम करती है. लौकी या घिया में भरपूर मात्रा में पानी होता है. इसमें करीब करीब 92 फीसदी पानी होता है जो आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और साथ ही यह विटामिन सी, ए और के से भरपूर होती है. लौकी में सोडियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक और मैग्नेशियम जैसे मिनरल भी होते हैं.

Accupressure system's some tritment tipes एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार

एक्यूप्रेशर पद्धति के द्वारा कुछ उपचार :  14. घर में एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग ना करें। उसकी जगह मिट्टी के बर्तन या तांबे, पित्तल, लोह...